शेर और चूहा की कहानी (दयालुता का महत्व) Moral Story

इस प्रेरणादायक कहानी में देखें कैसे एक छोटे से चूहे ने एक बड़े शेर की मदद की और सिखाया कि दयालुता हमें हमेशा बढ़ने का मार्ग दिखा सकता है।
AuthorSmita MahtoOct 5, 2023
Lion and Mouse story from panchtantra - Moral story

कहानी एक जंगल में हुआ करती थी, जहां अनेक प्रकार के जीवों ने अपना घर बसाया हुआ था। 

इस जंगल का सबसे बड़ा और भयंकर शेर था। शेर के पास खाने के लिए बहुत सारे जानवर थे और वह उन्हें लगातार खत्म करता रहता था। 

लेकिन उसके दिल में एक बड़ा ही दिलचस्प सवाल था।

एक दिन, शेर जंगल में घूम रहा था। वह बड़े ही आराम से अपनी शक्तिशाली दोनों पैरों पर चल रहा था और देखता रहा था कि क्या कोई उसकी नजर में नहीं आया। 

वह अपने सिंहासन पर जाकर लेट गया और सोचने लगा कि क्या शेर होने का मतलब है।

उसी समय, वह एक छोटी सी चूहे की ओर बढ़ा। चूहा बड़ी खुशी खुशी से चल रहा था और अपने दोस्तों के साथ खुदाई कर रहा था। 

वह शेर के पास पहुँचकर थम गया और शेर से नम्रता के साथ बोला, "आपको श्रेष्ठ दिन हो, महाराज! क्या मैं आपकी सहायता कर सकता हूँ?"

शेर चूहे को देखकर हंसा और बोला, "तू मेरी सहायता कैसे कर सकता है? तू तो बिल्कुल छोटा है।"

चूहा ने गर्मी से लाल होती हुई चादर उठाई और बोला, "महाराज, क्या आप यह विश्वास कर सकते हैं कि एक दिन भी कोई छोटा जीव आपकी सहायता करेगा?"

शेर ने चूहे की छोटी सी चादर को देखकर वहसत्ता भर मुस्कुरा दिया और बोला, "ठीक है, तुझे छोड़ देता हूँ। तू आज मेरी जान बचा लिया है, इसका बदला मैं तुझे कभी मिलेगा।"

चूहा ने धन्यवाद किया और शेर को छोड़ दिया। वह फिर अपने दोस्तों के पास जा कर खुदाई करने लगा।

कुछ दिनों बाद, शेर जंगल में शिकार कर रहा था। वह एक चादर में लिपटा हुआ था और अपने शिकार की तरफ आगे बढ़ रहा था। लेकिन उसका पैर एक जाल में फंस गया। 

जाल में फंसने के कारण उसका पैर बहुत दर्द कर रहा था और वह जब से फंसा हुआ था, वह रोने लगा।

शेर की गिरफ्त में पहुँचने के बाद, एक गहरी चिंता उसके दिल में उभरी। वह जानता था कि उसका पैर यह समस्या थी जिसके लिए वह अपने आप को दोषी मान रहा था। 

अब वह बहुत ही परेशान था क्योंकि वह समझ गया कि कोई और उसकी सहायता नहीं कर सकता। वह अकेला ही अपने बचाव के लिए समर्थ नहीं था।

तभी, वह छोटा सा चूहा याद आया जिसने उसकी जान बचाई थी। शेर ने आवाज़ बुलंद की और चूहे को पुकारा, "कृपया मेरी मदद करो! मुझे यहाँ फंसा हुआ पाया है और मेरी बहुत जरूरत है।"

चूहा ने शेर की आवाज़ सुनी और वह तुरंत पहुँच गया। वह शेर के पास जाकर देखा कि उसके पैर जाल में फंसे हुए हैं। 

चूहा ने कठिनाइयों को देखकर अपने चादर की ओर बढ़ते हुए शेर के पैर को छू लिया और वह उन्हें नीचे खींचने की कोशिश करने लगा।

कुछ ही समय में, चूहा ने शेर के पैर को जाल से निकाल दिया। शेर बहुत आभारी था और चूहे से बोला, "तूने मेरी जान बचाई है, और मैं तुझे उसका बदला चुकाऊंगा।"

चूहा ने मुस्कुराते हुए कहा, "महाराज, आप मेरे लिए बड़े ही महत्वपूर्ण हैं, और मेरे लिए आपकी मदद करना आत्मा संतुष्टि है।"

शेर ने चूहे की ओर अपना पैर फेरा और वह अपने जंगल की ओर बढ़ गया। चूहा भी अपने दोस्तों के पास वापस चला गया, खुशियों में खो जाता।

मोरल: कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दया का महत्व हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। 

हमें किसी का भी अच्छा या बुरा होने पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हमें सभी के प्रति दया और सहानुभूति रखनी चाहिए। 

कहानी दिखाती है कि छोटे से छोटे भी किसी के दिल की आवाज़ सुनने से हम बड़े समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और यह हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।