पंचतंत्र की कहानियां - मेंढकों और सांप की चालाक सवारी की कहानी | Mendhakon Aur Saanp Ki Chalaak Savaari Ki Kahani

AuthorJai MahtoJan 8, 2025

सांप और मेंढक: विश्वासघात की कहानी

बहुत समय पहले वरुण पर्वत के पास एक राज्य था, और वहां एक बूढ़ा सांप, जिसका नाम मंदविष था, रहता था। बूढ़ा होने के कारण वह शिकार करने में असमर्थ था और भूखा रहने लगा। एक दिन उसने एक चालाक योजना बनाई।

सांप तालाब के पास गया, जहां ढेर सारे मेंढक रहते थे। वह एक पत्थर पर उदास बैठ गया। तालाब के पास बैठे एक मेंढक ने सांप को देखा और उसकी हालत पर सवाल किया। मेंढक ने पूछा, “चाचा, आप इतने दुखी क्यों हैं? आज शिकार पर क्यों नहीं निकले?”

सांप ने गहरी सांस ली और कहा, “भैया, मैं क्या करूं! मैंने गलती से एक ब्राह्मण की बेटी को काट दिया था। ब्राह्मण ने मुझे श्राप दिया है कि अब मैं अपने भोजन के लिए मेंढकों की सवारी करूंगा। इसलिए मैं यहां आकर बैठ गया हूं।”

मेंढक को सांप की बातों पर दया आ गई। वह तुरंत अपने राजा जलपाक के पास गया और सारी बात बताई। राजा को सांप की कहानी अजीब लगी, लेकिन वह उसे देखने के लिए बाहर आया। सांप ने राजा को देखकर सम्मानपूर्वक कहा, “राजन, मैं आपकी सेवा के लिए यहां हूं। कृपया मुझ पर सवार हों, ताकि मैं अपना श्राप पूरा कर सकूं।”

राजा ने सांप की सच्चाई परखने के लिए उसकी पीठ पर चढ़ने का फैसला किया। सांप ने आराम से राजा को तालाब के चारों ओर घुमाया। यह देख अन्य मेंढक भी सांप पर चढ़ने लगे। कुछ दिनों तक सांप सबको सवारी कराता रहा।

धीरे-धीरे सांप ने अपनी चाल धीमी कर दी। राजा ने पूछा, “तुम इतना धीमे क्यों चल रहे हो?” सांप ने दुखी स्वर में कहा, “राजन, मैं बूढ़ा हूं और भूखा भी। मेरी ऊर्जा खत्म हो रही है।”

यह सुनकर राजा ने सोचा और कहा, “तुम छोटे-छोटे मेंढकों को खा सकते हो, ताकि तुम्हें शक्ति मिल सके।” सांप ने पहले अनिच्छा दिखाई, लेकिन बाद में राजा की आज्ञा मानकर छोटे मेंढकों को खाने लगा।

कुछ ही समय में सांप तंदुरुस्त हो गया और उसने रोज छोटे-छोटे मेंढकों को खाना शुरू कर दिया। मेंढकों का राजा भी इस पर ध्यान नहीं दे पाया। सांप की साजिश सफल होती रही।

आखिरकार, एक दिन सांप ने राजा जलपाक को भी खा लिया। इस तरह सांप ने पूरे तालाब के मेंढकों का अंत कर दिया।

कहानी से सीख

दुश्मन की बातों पर बिना सोचे-समझे भरोसा करना विनाशकारी हो सकता है। सतर्क रहना ही सुरक्षा की कुंजी है।

Written by

Jai Mahto

मैं एक कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर्स होने का गर्व महसूस करता हूं। पढ़ाई और लेखन में रुचि रखने वाला व्यक्ति हूं, नई चीजों का अन्वेषण करता हूं और नई बातें गहराई से पढ़ने का शौक रखता हूं। नए विषयों को समझना और उन पर लेखन करना मेरी प्रेरणा है।