पंचतंत्र की कहानियाँ - चुहिया का विवाह प्रस्ताव | Chuhia Ka Vivah Prastav

AuthorSmita MahtoJan 6, 2025
birbal ka buddhimani bhada ghada

गंगा नदी के किनारे एक धर्मशाला स्थित थी, जहाँ एक साधु गुरु जी रहते थे। वह दिनभर तप और ध्यान में लीन रहते थे, अपने जीवन को साधना और शांति में बिता रहे थे।

एक दिन जब गुरु जी नदी में स्नान कर रहे थे, तभी एक बाज अपने पंजे में एक चुहिया दबाए उड़ा जा रहा था। अचानक बाज का पंजा फिसलने से चुहिया गिरकर गुरु जी की अंजुली में आ गिरी। गुरु जी ने सोचा, "अगर चुहिया को अब छोड़ दिया तो बाज उसे खा जाएगा।" उन्होंने चुहिया को बचाने का निर्णय लिया और उसे पास के बरगद के पेड़ के नीचे रख दिया। फिर गुरु जी शुद्धि के लिए नदी में फिर से स्नान करने गए।

नहाने के बाद गुरु जी ने अपनी शक्तियों से चुहिया को एक छोटी लड़की में बदल दिया। उसे अपने आश्रम लेकर आए और अपनी पत्नी से कहा, "हमारे पास संतान नहीं है, इस लड़की को ईश्वर का वरदान समझकर अपनाओ और इसका अच्छे से पालन-पोषण करो।"

लड़की बहुत बुद्धिमान थी और गुरु जी की देखरेख में पढ़ाई करने लगी। वह पढ़ाई में इतनी तेज़ थी कि गुरु जी और उनकी पत्नी ने उसे अपनी बेटी की तरह मान लिया और गर्व महसूस करने लगे।

समय बीतने पर एक दिन गुरु जी की पत्नी ने कहा, "हमारी बेटी अब विवाह योग्य हो गई है।" गुरु जी ने कहा, "यह विशेष लड़की है, इसलिए इसके लिए विशेष वर चाहिए।"

गुरु जी ने अपनी शक्तियों से सूर्य देवता से पूछा, "क्या आप मेरी बेटी से विवाह करेंगे?" सूर्य देव ने उत्तर दिया, "मैं तो हर किसी को प्रकाश देता हूँ, लेकिन मेरी गर्मी और उग्रता के कारण वह मुझसे विवाह नहीं कर सकती।" इसके बाद सूर्य देव ने सलाह दी कि गुरु जी बादलों के राजा से बात करें, क्योंकि वह सूर्य को ढक सकते हैं और उनसे बेहतर हैं।

गुरु जी ने बादलों के राजा से कहा, "क्या आप मेरी बेटी को स्वीकार करेंगे?" लेकिन लड़की ने कहा, "वह बहुत ठंडे और गीले हैं, मैं उनसे शादी नहीं कर सकती। कृपया एक और अच्छा वर खोजें।"

गुरु जी ने फिर वायुदेव से बात की, लेकिन लड़की ने कहा, "वायुदेव बहुत तेज़ होते हैं और हमेशा अपनी दिशा बदलते रहते हैं। मैं उनसे विवाह नहीं कर सकती।"

अब गुरु जी पहाड़ों के राजा से मिलने गए, लेकिन लड़की ने कहा, "वह कठोर और स्थिर होते हैं, मैं उनसे शादी नहीं कर सकती।"

आखिरकार पहाड़ों के राजा ने सलाह दी, "आप चूहे के राजा से बात करें। वह मुझसे बेहतर हैं, क्योंकि वह मुझे छेद कर सकते हैं।" गुरु जी ने चूहे के राजा से मिलने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग किया।

जब लड़की चूहे के राजा से मिली, तो वह खुश हो गई और शादी के लिए सहमत हो गई। गुरु जी ने अपनी शक्तियों से लड़की को फिर से एक चुहिया में बदल दिया। इस प्रकार चुहिया का स्वयंवर सम्पन्न हुआ और गुरु जी की बेटी ने चूहे के राजा से विवाह कर लिया।

कहानी से शिक्षा: व्यक्ति का स्वभाव और उसकी पहचान समय या परिस्थितियों के अनुसार नहीं बदल सकते।

Smita Mahto - Writter
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Smita Mahto

मैं एक कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक हूँ और अपने ब्लॉग लेखन में आत्मसमर्पित हूँ। पढ़ाई और लेखन में मेरा शौक मेरे जीवन को सजीव बनाए रखता है, और मैं नए चीजों का अन्वेषण करने में रुचि रखती हूँ। नई बातें गहराई से पढ़ने का मेरा शौक मेरे लेखन को विशेष बनाता है। मेरा उद्दीपन तकनीकी जगत में है, और मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से नवीनतम तकनीकी गतिविधियों को साझा करती हूँ।