यह कहानी हमें उन लोगों के बारे में बताती है जो जीवन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होते हैं। हम सभी कभी न कभी जीवन में किसी न किसी समय चुनौतियों का सामना करते हैं। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे हालतें कितनी भी भयानक स्वरूप हों, हमें हार मानने की वजह से स्वयं को आगे बढ़ाने से नहीं रोकना चाहिए।
एक दुर्घटनाग्रस्त जंगल में एक सियार खड़ा था, जो बहुत निराश हो गया था। वह छत्रछाया में घायल हो गया था और इंतजार कर रहा था कि कोई उसे देखकर मदद करे। हालांकि, दुर्भाग्य से उसे खाने की तलाश में कोई सफलता नहीं मिल रही थी। जब तक कि उसे एक खरगोश नजर आया और वह चकमा देने के लिए उछल पड़ा। सियार ने अपने संबधित परिवार तक पहुंचने के लिए कठिनाई से पीछे हट पड़ा। हाथी, बाघ और शेर की पीछा करने का प्रयास भी असफल रहा। तब उसे एक नई समस्या का सामना करना पड़ा। उसे भूख लगी थी और देखते ही देखते उसे एक तालाब आ गया। उसने वहां जाकर कुछ परिणामी मुर्गे की खोज की, लेकिन इस चीज़ का भी असर नहीं पड़ा। फिर उसे एक बटेर का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन वह भी विफल रहा। हिरण की खोज करने का अभियान भी नष्ट हो गया।
यहां सियार के पीछे कुछ कुत्ते पड़ गए, जो उसे पीछा कर रहे थे। सियार को जीवन बचाने के लिए उचित निर्णय लेना पड़ा और वह भागने लगा। यह कुत्तों से बचने के लिए उसने रंगरेजों की बस्ती में छिपने का निर्णय लिया। वह वहां एक ड्रम में छिप गया, जिसे रंगरेज ने पंखे की छत को रंगने के लिए रंग घोला था। जब कुत्ते रंगे सियार के पीछे पहुंचे तो सियार धीरे-धीरे रंगता चढ़ रहा था, और यह रंग जंगली जीवों में भयभीति भरता था। इसका फायदा उठाते हुए, सियार ने एक प्लान बनाया।
सियार ने धृष्टता से बोला, "मेरा यह रंग आपके पास अनूठा है, क्या आप मुझे सम्राट ककुदुम के रूप में स्वीकार करेंगे? मुझे प्रजा की सुरक्षा करने का गर्व होगा।"
इबादत करते हुए जीवों ने सियार को आदर्श नाम में स्वीकार किया और उन्होंने सियार का राज में उनकी सेवा करने का आदेश जारी किया। उसे खूब खाना खिलाने और आराम कराने का कार्य मिला और सम्राट के रूप में उसे पूजा गया।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जीवन में चुनौतियाँ तो जरूर होती हैं, लेकिन हमें हार मानने की बजाय संकटों के साथ मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें नकलीपन में मत आना चाहिए, बल्कि हमें अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से बड़ी संगठनताओं के साथ अपार सफलता की संभावना होती है।
इस कहानी को पढ़कर हमें उम्मीद है कि हम अपने व्यापारिक, व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में आने वाली चुनौतियों के साथ ठीक से मुकाबला कर पाएंगे। हमें यह सीख मिलती है कि तिमाही ज़िंदगी और आत्मनिर्भरता में धीरज और सदैव योग्यता रखनी चाहिए।
यदि हम इस कहानी का ध्यान सेवा उद्यमिता, नकलीपन से दूर रहकर और आत्मनिर्भरता की भावना को अपनाएं, तो हमें महान सफलता का स्वागत करना पड़ सकता है। इस कहानी को पढ़कर हम आत्मविश्वास व साहस को मजबूती देने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का सामना कर सकते हैं, जैसे कि कैसे हम एक अवसर की पहचान कर सकते हैं, कैसे हम कठिनाइयों का मुकाबला कर सकते हैं और कैसे हम अपने और अपनी प्रजा के लिए एक अच्छे नेता बन सकते हैं।