चार दोस्तों की दोस्ती - Moral Story In Hindi Wirtten By Siddhant Kumar

AuthorSmita Mahto last updated Sep 27, 2023

चार दोस्तों की दोस्ती - Moral story in Hindi

भूमिका: आज 14 मई है। अभिनव, राहुल और अमन मैदान में बैडमिंटन खेल रहे थे। और फिर नेहा अपनी बैडमिंटन लेकर आयी। और कहती है की दोस्तों मैं खेलने आ गयी।

राहुल - तो चलो हम लोग खेलना सुरु करते है।

अमन - हां चलो खेलना सुरु करते है। मैं और राहुल एक टीम में और अभिनव और नेहा एक टीम में।

राहुल - तो चलो खेलते है पर पहली सर्विस मैं करूँगा।

अभिनव - ठीक है। पर हमें संभल कर खेलना होगा क्युकी सामने वाली घर में एक नई ऑन्टी रहने आयी है, और मैंने सुना है की वो बहुत खड़ूस है। पहले जो यहाँ ऑन्टी रहती थी , वो बहुत अच्छी थी।

राहुल - तो ऐसी बात है तो हमें संभल कर खेलना होगा।

अमन - तो चलो हम खेलना सुरु करना चाहिए।

राहुल - चलो दोस्तों मैं सर्विस करने जा रहा हूँ।

अभिनव - अरे राहुल तुमने ये क्या किया ! इतनी जोर से मारा की क्रॉक बॉल ऑन्टी के घर के अंदर चली गयी।

ऑन्टी - ये किसने भेजा क्रॉक बॉल मेरे घर में।

अभिनव - अरे राहुल तुमने ये क्या किया पहले ही शॉट में क्रॉक बॉल ऑन्टी के घर में पंहुचा दिया।

अमन - हां राहुल तुमने ये क्या किया ! अब तुम जाओ और आंटी से क्रॉक बॉल वापस लेके आओ।

राहुल - ठीक है, मैं क्रॉक बॉल वापस ले के आता हूँ।

फिर राहुल क्रॉक बॉल वापस लेने गया।

नेहा - अमन और अभिनव मुझे तुम दोनों से ये उम्मीद नहीं थी।

अमन - क्या?

नेहा - माना की राहुल से क्रॉक बॉल ऑन्टी के घर गयी तो सारी गलती सिर्फ राहुल की नहीं थी। हमारी भी थी, हमभी राहुल के साथ खेल रहे थे अगर हम उसके साथ नहीं खेलते तो क्रॉक बॉल ऑन्टी के घर नहीं जाती।

अभिनव - हां नेहा तुम सही कह रही हो।

नेहा - अब तुम दोनों समझ गए हो तो हमें चलकर ऑन्टी से माफ़ी मांगनी चाहिए।

फिर वो तीनो भी ऑन्टी से माफ़ी मांगने चले गए, और वो लोग देखते है की ऑन्टी राहुल को डाँट रही है।

अमन - रुकिये ऑन्टी।

ऑन्टी - क्यों, क्या हुआ?

अमन - क्युकी वो क्रॉक बॉल सिर्फ राहुल के वजह से आपके घर में नहीं आयी। हमारी भी उतनी ही गलती थी, अगर हम राहुल के साथ बैडमिंटन नहीं खेलते तो क्रॉक बॉल आपके घर में नहीं आती। तो आप सिर्फ राहुल को मत डाँटिए, हम भी उतने है दोसी है।

आंटी - अब तुम लोगो को नहीं डाँटूंगी।

अमन - पर क्यों?

अभिनव - अगर ऑन्टी हमें नहीं डाँटना चाहती है तो तुम क्यों पूछ रहे हो?

ऑन्टी - नहीं इससे पूछने दो, मैं बताती हूँ।

अमन - तो बताइये आप हमें क्यों नहीं डाँटना चलते है।

ऑन्टी - क्युकी तुम चारो पक्के दोस्त हो। अगर तुम तीनो चाहते तो सिर्फ इसे भेज सकते थे, और तुमलोग यहाँ पे माँफी मांगने नहीं आते। लेकिन तुमलोग आये, क्युकी तुम चारो सच्चे और अच्छे दोस्त हो। और इस्सलिये मैं तुमलोगो को नहीं डाँटूंगी।

अभिनव - थैंक्यू ऑन्टी और सॉरी।

ऑन्टी - कोई बात नहीं। अब से सम्भाल कर खेलना। ये लो तुम्हारी क्रॉक बॉल। अच्छा जाओ अब मुझे घर में काम करना है।

अब वो चारो मैदान की ओर जा रहे है

राहुल - तुम तीनो वहा क्यों आये? अगर ऑन्टी तुम तीनो को भी डांटने लगाती तो?

अभिनव - तो डाँटती, और क्या।

नेहा - हां ऑन्टी हमें डाँटती तो डाँटती। अगर हमलोग वहा नहीं आते तो हम दोस्त किस बात के होते।

राहुल - अगर तुम तीनो नही होते तो मेरा क्या होता !!!

अभिनव - चलो चलो इतना भावुक मत हो, चलो अब हमलोग फिर से खेलते है।

राहुल - नहीं अब हम बैडमिंटन नहीं खेलेंगे।

अमन - तो हम क्या खेलेंगे ?

राहुल - हम वीडियो गेम्स खेलेंगे। मेरे पापा कल लन्दन से मेरे लिए बहुत साड़ी खिलौने और वीडियो गेम्स लाये है।

अभिनव - ठीक है।

राहुल - चलो मेरे घर चलो।

फिर वो लोग राहुल के घर चले गए। राहुल जैसे ही अपने घर की डोर वेल बजता है तो उसकी माँ दरवाजा खोलती है।

राहुल की माँ - अरे राहुल तुम अपने दोस्त को ले के आये हो ?

राहुल - हां माँ।

राहुल की माँ - हेलो बच्चो।

हेलो ऑन्टी।

राहुल की माँ - अरे बच्चो अंदर आओ।

फिर वो लोग राहुल के कमरे में चले गए।

राहुल - बोलता है की, तुमलोग यहाँ बैठो मैं वीडियो गेम्स लेके आता हूँ।

अमन - ठीक है।

फिर राहुल अपनी वीडियो गेम्स लेके आता है, और उन्हें कनेक्ट कर चालु करता है।

राहुल - ये लो मैंने वीडियो गेम्स कनेक्ट कर दिया हूँ, हमसब एक-एक बार खेलेंगे। पहले अमन खेलेगा फिर नेहा फिर अभिनव और फिर मैं।

अभिनव - ठीक है।

राहुल - ये लो अमन वीडियो गेम की रिमोट और खेलो।

अमन खेलना सुरु कर देता है। ढिशुम - ढिशुम...

अमन - अरे मैं तो आउट हो गया। मरे पॉइंट हुए 76, ये लो नेहा अब तुम्हारी बारी।

फिर नेहा भी खेलना सुरु कर देती है फिर अभिनव और फिर अंत में राहुल। सारे लोगो का गेम खेलना खतम हो जाने के बाद सब लोग अपने-अपने घर जाने लगते है।

अभिनव - तो कल फिर से मैदान में मिलते है बैडमिंटन खेलने।

इसी बात पर सब साथ मे हंसने लगते है और फिर अपने-अपने घरो को चले जाते है।

समाप्त

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Smita Mahto - Writter
Written by

Smita Mahto

मैं एक कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक हूँ और अपने ब्लॉग लेखन में आत्मसमर्पित हूँ। पढ़ाई और लेखन में मेरा शौक मेरे जीवन को सजीव बनाए रखता है, और मैं नए चीजों का अन्वेषण करने में रुचि रखती हूँ। नई बातें गहराई से पढ़ने का मेरा शौक मेरे लेखन को विशेष बनाता है। मेरा उद्दीपन तकनीकी जगत में है, और मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से नवीनतम तकनीकी गतिविधियों को साझा करती हूँ।