कौवों की गणना | Kauvon Ki Ganna - Birbal and Akbar Story in Hindi

AuthorSmita Mahto last updated Jul 28, 2024
birbal ka buddhimani bhada ghada

बीरबल की चतुराई से बादशाह अकबर और दरबार के सभी सदस्य भलीभांति परिचित थे। फिर भी, अकबर समय-समय पर बीरबल की बुद्धिमत्ता की परीक्षा लेते रहते थे।

एक सुबह बादशाह अकबर ने बीरबल को बुलाया और बगीचे में टहलने के लिए चले गए। वहां बहुत सारे पक्षी चहचहा रहे थे। अचानक अकबर की नजर एक कौवे पर पड़ी और उनके मन में एक शरारती ख्याल आया। उन्होंने बीरबल से पूछा, “मैं जानना चाहता हूं कि हमारे राज्य में कुल कितने कौवे हैं।” यह सवाल अजीब जरूर था, लेकिन बीरबल ने उत्तर दिया, “महाराज, मैं इस प्रश्न का उत्तर दे सकता हूं, लेकिन मुझे थोड़ा समय चाहिए।” अकबर ने मुस्कुराते हुए उन्हें समय दे दिया।

कुछ दिनों बाद बीरबल दरबार में आए और अकबर ने पूछा, “तो बीरबल, हमारे राज्य में कितने कौवे हैं?” बीरबल ने उत्तर दिया, “महाराज, हमारे राज्य में लगभग 323 कौवे हैं।” यह सुनते ही सभी दरबारी बीरबल को देखने लगे।

अकबर ने कहा, “अगर हमारे राज्य में कौवों की संख्या इससे अधिक हुई तो?” बीरबल बोले, “महाराज, हो सकता है कि कुछ कौवे हमारे राज्य में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए हों।”

अकबर ने फिर पूछा, “अगर कम हुए तो?” बीरबल मुस्कुराते हुए बोले, “महाराज, हो सकता है कि हमारे राज्य के कुछ कौवे दूसरे देशों में अपने रिश्तेदारों के यहां गए हों।”

बीरबल की यह बात सुनते ही पूरा दरबार हंसी से गूंज उठा और एक बार फिर बीरबल अपनी बुद्धिमानी के कारण सराहे गए।

कहानी से सीख:

बच्चों, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने दिमाग का सही उपयोग करें, तो हर समस्या का समाधान और हर सवाल का जवाब मिल सकता है।

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