रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय: आज हम स्वास्थ्य विषय पर बात करने जा रहे हैं। आज के इस युग में जब हम अपने काम काज में बहुत व्यस्त हो गए है तो ऐसे में हमें अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना बहुत जरूरी है।
स्वस्थ शरीर ही आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है, और स्वस्थ शरीर के लिए इम्यून सिस्टम का मज़बूत होना बहुत ज़रूरी है।
तो आज हम जिस विषय पर बात करने जा रहे है उसका नाम रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम है। तो आइए जानते है
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है? रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय? रोग प्रतिरोधक क्षमता के क्यों उपयोगी है? आयुष मंत्रालय द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय?
इम्यून सिस्टम क्या है? या रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है?
अगर आप जल्द ही सर्दी, ज़ुखाम, बुखार , खांसी, जैसे आम समस्याओं या और भी कई तरह के बीमारी कि वजह से तुरंत बीमार हो जा रहे है तो इसका कारण आपकी इम्यून सिस्टम का कमज़ोर होना हो सकता है।
और मौसम का बदलाव से, फिर ठंडा गरम खाने से या किसी बीमार व्यक्ति के आस पास जाने से अगर आप बार बार बीमार होने से बच रहे है तो, आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता सही है और ठीक से काम कर रहा है ।
कभी कभी आप देखते होंगे कि शरीर से ठीक ठाक आदमी भी बार बार बीमार पड़ता है, और पतला दुबला व्यक्ति सभी तरह के मौसम में स्वस्थ रहता है, उसका मुख्य कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता ऐसी क्षमता है, जिसके ज़रिए हम बहुत सारी बीमारियों से बचते है। ये क्षमता हमको स्वस्थ रखने में मदद करते है।
परिभाषा: रोग प्रतिरोधक क्षमता एक प्रणाली है जो अंग, कोशिका, उत्तक और प्रोटीन से मिल कर बने होते है। ये वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से होने वाले बीमारी से हमें बचाते हैं। जब इम्यून सिस्टम का संपर्क रोगजनक से होता है तो इम्यून सिस्टम एंटी बॉडी जारी करती है, और उन्हें मार देती है, ताकि वह बीमारी का रूप ना ले सके।
हमारे आसपास के वातावरण में बहुत से बैक्टीरिया और वायरस मौजूद होते हैं, जो स्वाँस के माध्यम से हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। लेकिन ये सभी सूक्ष्मजीव हमें नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं, क्योंकि हमारा इम्यून सिस्टम इससे हमारी सुरक्षा करता है।
प्रकृति ने हमारे शरीर में एक ऐसी व्यवस्था बनाई हुई है, जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं और माइक्रोब्स वगैरह से बचाती है, इसे ही रोगप्रतिरोधक शक्ति या इम्यूनिटी कहा जाता है।
इम्यून सिस्टम हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है। इम्यून सिस्टम के बिना, हमारा शरीर बैक्टीरिया, वायरस से हमला करने के लिए खुले होंगे। यह हमारी इम्यून सिस्टम है जो हमें स्वस्थ रखती है। क्योंकि हम रोगजनकों के समुद्र के माध्यम से रोज़ बहते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्यों उपयोगी है?
जब विश्व की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है, हमारे जीवनयापन का ढंग बदल गया है, तो ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता की उपयोगिता और बढ़ जाती है।
जैसा कि आप लोगो को पता होगा की कोरोना जैसी महामारी पूरे विश्व में अपना आतंक मचाए हुए है, और सबसे ज़्यादा असर उन लोगों पर हो रहा है जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है या जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है।
ऐसे में एक ही उपाय है जो आपको स्वस्थ रखती है वो है आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता जितनी मजबूत होगी आप के स्वस्थ रहने के आसार उतना ही ज़्यादा होगा।
सेहतमंद- आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता आपको सेहतमंद रखने में मदद करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के द्वारा आप अपने शरीर में छोटी मोटी बीमारियों से बचते है।
मानसिक रूप से मज़बूत- आपकी इम्यूनिटी आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखती है, जब आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तो आप मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते है।
जो लोग मानसिक रूप से स्वस्थ रहते है वो हमेशा खुश रहते है, इसलिए हर व्यक्ति को चाहिए कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की कोशिश करे और उनके उपायों को अपनाए।
संक्रमण से बचाना- रोग प्रतिरोधक क्षमता आपको संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बचाती है, जिस वजह से आप मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते है।
परिवार के लोगों को स्वस्थ रखना- आपकी इम्यूनिटी आपके साथ आपके परिवार के लोगो को भी स्वस्थ रख में मदद करती है।
आइए इससे समझे, कई ऐसे रोग है जो एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलते है जिन्हें हम संक्रामक रोग की श्रेणी में रखते है। ऐसे में अगर आपके और आपके परिवार के लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता सही है या इम्यूनिटी मज़बूत हो तो आप और आपके परिवार के लोग सुरक्षित रहेंगे और निरंतर बीमार होने से बच सकते है।
तो आइए जानते है
रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाए?
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बहुत से सामान्य उपाय जिसे आप आसानी से पालन कर के अपनी इम्यूनिटी बढ़ सकती है। इसके लिए आपको किसी डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं होगी। ऐसे बहुत से कार्य है जो सही ढंग से कर के अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते है।
धूम्रपान का सेवन ना करें- आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता धुम्रपान से दूरी कर के बढ़ा सकते। जो व्यक्ति धूम्रपान का सेवन नहीं करते वो तो बहुत अच्छा कर रहे है, लेकिन जो व्यक्ति इसका सेवन कर रहे है, वो इसे छोड़ कर अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते है।
धूम्रपान न केवल हमारी इम्यूनिटी को घटाता है बल्कि शरीर के बहुत सारे अंगो को खराब कर देता है, जिनकी वजह से लोगों को बहुत से बीमारी में लिप्त होकर अपनी जान तक गंवानी पड़ सकती है।
पौष्टिक खाना खाएं- हम लोग हर रोज़ खाना खाते है, मगर उसी को व्यस्तिथ ढंग से खाने की ज़रूरत है। जो खाना खाए उसमे हरी सब्ज़ी प्रचूर मात्रा में हो, खाने में फलों को भी शामिल करे।
खाना ज़्यादा खाने से कुछ फायदा नहीं होता, खाना सही तरीक़े से जितना आपकी ज़रूरत हो होना चाहिए। हमारे शरीर को जिस चीज की जितनी मात्रा ज़रूरी हो उतना हमारे खाने में होना चाहिए। पौधों के खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और विटामिन C होते हैं, जो सभी बीमारी से बचने के लिए आपको तैयार करते है।
रोज़ाना व्यायाम करें- आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखने एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए व्यायाम बहुत ज़रूरी होता है। कम से कम प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम अवश्य करे जिसमें मोर्निंग में टहलना, रस्सी कूदना, योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान जरूर शामिल करें।
स्वस्थ वज़न बनाएं रखें- प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आपको अपने शरीर का वज़न संतुलित रखना होगा। ना ही ज़्यादा वज़न बढ़ाए और ना ही वज़न घटाए।
उम्र के हिसाब से आपका जितना वज़न होना चाहिए उसको बनाए रखे। खाने में कम से कम चीनी का उपयोग करे, पूरे दिन में बस दो चम्मच चीनी का इस्तेमाल करना लाभप्रद होगा।
पर्याप्त नींद लें- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में नींद का बहुत बड़ा योगदान है। पर्याप्त नींद लेने से आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ दोनों सही रहते है। नींद में कभी कटौती ना करे, इसमें आपका बहुत नुकसान हो सकता है।
उचित समय में सोए और उचित समय में उठे। वयस्क को कम से कम 7 घंटे या उससे ज़्यादा सोना चाहिए, बच्चो को कम से कम 8 से 10 घंटे सोना चाहिए। नवजात शिशु को 14 घंटे तक सोना चाहिए।
कम से कम तनाव ले- रोग प्रतिरोधक क्षमता तनाव लेने से भी घटता है। बिना मतलब के तनाव में ना रहे, अपने आपको व्यस्त रखे, मनोरंजन करते रहे । इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
आयुष मंत्रालय द्वारा भी लोगो को अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताएं गए है, जिसे में हम अपने दिनचर्या में आराम से शामिल कर सकते है जो हमे स्वस्थ रहने में भी मदद करेंगे।
आयुष मंत्रालय द्वारा प्रतिरोधक क्षमता (immunity)बढ़ाने के उपाय
- हर दिन एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ दिन की शुरुआत करें। जिन लोगों को मधुमेह है वो भी इसका सेवन कर सकते है
- तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सुखी अदरक, मोनक्का से बनी हर्बल टी या काढ़ा दिन में एक से दो बार पिए। स्वाद के लिए आप अपने अनुसार इसमें गुड़ या नींबू मिला कर पी सकते है
- सुनहरा दुध पिएं, अर्थात दुध में हल्दी मिलाकर प्रतिदिन कम से कम 150ml एक ग्लास दुध का सेवन करे।
- जब भी पानी पिए गर्म पानी ही पिए।
- कम से कम तीस मिनट योग करे, योग में योगासन, प्राणायाम, एवं ध्यान जरूर शामिल करें।
हल्दी, जीरा धनिया एवं लहसुन आदि मसालों का भोजन में प्रयोग करे ।
अब आप सोच रहे होंगे कि आप को कैसे पता लगेगा कि आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक है या कम हो गया। तो जानते है...
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के प्रमुख लक्षण
- थकावट महसूस होना- अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो आप हर वक़्त थकान महसूस करेंगे, सोने की इच्छा ज़्यादा हो जाएगी, काम में आपका मन नहीं लगेगा।
- अक्सर संक्रमित हो जाना- अगर आप बार बार संक्रमण के शिकार हो जा रहे है तो ये कम रोग प्रतिरोधक क्षमता के लक्षण है।
- ज़ुकाम- आपको अगर बार बार ज़ुखाम या खासी हो रहा है तो ये भी एक लक्षण है।
- एलर्जी- अगर आप घरघराहट, बहती नाक, खुजली, आंखो से पानी आना, या आंखो में खुजली होना जैसी समस्याओं से जूझ रहे है तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है।
- पेट दर्द करना- हम लोग जो खाना खाते है वो शरीर में टूट कर अलग अलग काम करता है। अगर हमारी प्रतिरोधक क्षमता कम होगी तो हमे दस्त, पेट दर्द, जी मचलना जैसी समस्याओं से परेशान रहेंगे।
- ज़ख्मों का जल्द ठीक ना होना- अगर हमारे शरीर में कहीं कट जाता है या ज़ख्म निकल आता है तो आप देखते होंगे वो खुद से ठीक होने लगता है। लेकिन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अगर कम कम होगी तो वो जल्दी ठीक नहीं होगा।
- मुंह में छाले होना- मुंह में छाले होने का सबसे बड़ा कारण तनाव है और तनाव आपके कम रोग प्रतिरोधक क्षमता का लक्षण।
- बालों का झड़ना- अगर आपके सर के अलग अलग हिस्से से बाल गायब हो रहे है तो ये भी कम रोग प्रतिरोधक क्षमता के लक्षण है।
- जोड़ों का दर्द होना- एक या कई जोड़ों की सूजन के कारण होने वाला दर्द और जकड़न, जिसे हम गठिया भी कहते है, आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के लक्षण में से एक है।
हमें उम्मीद है कि आप इस ब्लॉग में समझ पाएं होंगे की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है? उसके कम होने के कारण? रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तरीके?
अगर आप को कोई सुझाव देना हो तो कृपया कॉमेंट कर के बता सकते है।